गाज़ा में तबाही: इज़राइल का फिलिस्तीन पर अब तक का सबसे बड़ा हमला

 मध्य-पूर्व एक बार फिर हिंसा की चपेट में है। इज़राइल और फिलिस्तीन के बीच लंबे समय से चले आ रहे संघर्ष ने अब एक खतरनाक मोड़ ले लिया है। बीते 24 घंटों में इज़राइल ने गाज़ा पट्टी पर भीषण हवाई हमले किए हैं, जिसमें दर्जनों इमारतें मलबे में तब्दील हो गईं और सैकड़ों निर्दोष नागरिक प्रभावित हुए हैं।



क्या है मामला?

यह हमला उस समय हुआ जब इज़राइल ने यह दावा किया कि फिलिस्तीनी संगठन हमास की ओर से सीमा पर फिर से रॉकेट हमले शुरू किए गए थे। जवाबी कार्रवाई में इज़राइल की सेना ने टैंक, ड्रोन और लड़ाकू विमानों की मदद से गाज़ा के विभिन्न इलाकों को निशाना बनाया।

गाज़ा स्थित स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, अब तक कम से कम 86 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। अस्पतालों में जगह की भारी कमी है और बिजली आपूर्ति भी ठप हो गई है।

हमास का जवाब और चेतावनी

हमास ने भी इज़राइल को चेतावनी दी है कि यदि हमले नहीं रुके, तो वे इज़राइल के बड़े शहरों को निशाना बनाएंगे। हमास प्रवक्ता ने इसे "युद्ध की घोषणा" बताया और क्षेत्र में और अधिक हिंसा की आशंका जताई।



अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया

संयुक्त राष्ट्र, अमेरिका, और यूरोपीय संघ ने दोनों पक्षों से संयम बरतने की अपील की है। हालांकि, अभी तक संघर्ष को रोकने के कोई ठोस संकेत नहीं दिखाई दे रहे हैं। भारत, फ्रांस और मलेशिया जैसे देशों ने फिलिस्तीन में निर्दोष नागरिकों की मौत पर गहरी चिंता जताई है।

मानवता पर हमला

इस संघर्ष में सबसे ज़्यादा नुकसान आम नागरिकों को हो रहा है। स्कूल, अस्पताल, मस्जिदें और रिहायशी इमारतें सब इस युद्ध का हिस्सा बन चुकी हैं। वीडियो फुटेज में देखा गया है कि कैसे लोग मलबे से अपने प्रियजनों को निकालने की कोशिश कर रहे हैं।

क्या आगे बढ़ेगा यह युद्ध?

विशेषज्ञों का मानना है कि अगर जल्द ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हस्तक्षेप नहीं किया गया, तो यह संघर्ष पूरे मध्य-पूर्व को संकट में डाल सकता है। आने वाले दिनों में स्थिति और बिगड़ने की आशंका है।

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