भारतीय सभ्यता से प्रभावित एरोल मस्क, राम मंदिर दर्शन को उत्सुक, बोले – “भारत दुनिया की एक सच्ची महाशक्ति है”

 


दुनिया के चर्चित उद्योगपतियों में से एक एलन मस्क के पिता एरोल मस्क ने हाल ही में भारत के प्रति गहरा आकर्षण और सम्मान व्यक्त किया है। एक विशेष साक्षात्कार के दौरान उन्होंने भारत की प्राचीन संस्कृति, आध्यात्मिक परंपराओं और हाल ही में निर्मित अयोध्या स्थित श्रीराम मंदिर के प्रति अपनी आस्था प्रकट की। एरोल मस्क ने यह भी कहा कि वे निकट भविष्य में भारत की यात्रा कर राम मंदिर में दर्शन करने की इच्छा रखते हैं। उन्होंने भारत को केवल आर्थिक और तकनीकी दृष्टि से ही नहीं, बल्कि आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक दृष्टि से भी "दुनिया की सच्ची महाशक्ति" बताया। उनके इस बयान ने न केवल भारतीयों के दिलों को छू लिया, बल्कि अंतरराष्ट्रीय पटल पर भी भारत की बढ़ती प्रतिष्ठा को दर्शाया। भारत की संस्कृति के प्रति गहरा सम्मान एरोल मस्क ने भारत की प्राचीन सभ्यता को लेकर कहा कि यह दुनिया की सबसे पुरानी और समृद्ध सभ्यताओं में से एक है। उन्होंने कहा, “भारत की जड़ें हजारों वर्षों पुरानी हैं। यहां की संस्कृति में जो गहराई और विविधता है, वह दुर्लभ है। मैं जब भी भारतीय दर्शन या योग पर कुछ पढ़ता हूं, तो मुझे नई दृष्टि मिलती है।” उन्होंने विशेष रूप से वेद, उपनिषद, महाभारत, और रामायण जैसे ग्रंथों की प्रशंसा की और स्वीकार किया कि वे व्यक्तिगत रूप से इन ग्रंथों से काफी प्रभावित हैं।


राम मंदिर को बताया सांस्कृतिक गौरव
हाल ही में अयोध्या में भव्य रूप से निर्मित श्रीराम जन्मभूमि मंदिर को लेकर एरोल मस्क ने विशेष उत्सुकता दिखाई। उन्होंने कहा, “राम मंदिर केवल एक धार्मिक स्थल नहीं है, यह भारत की आस्था, सांस्कृतिक एकता और सहिष्णुता का प्रतीक है। मैं इस स्थल को देखने और वहां की आध्यात्मिक ऊर्जा को महसूस करने के लिए बेहद उत्साहित हूं।” उन्होंने यह भी संकेत दिया कि वे आने वाले कुछ महीनों में भारत की यात्रा पर आ सकते हैं, जिसमें अयोध्या के अलावा काशी, ऋषिकेश और तिरुवनंतपुरम जैसे धार्मिक स्थलों की यात्रा शामिल हो सकती है। भारत की वैश्विक स्थिति पर दृष्टिकोण एरोल मस्क ने भारत की बढ़ती अंतरराष्ट्रीय भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि भारत अब केवल एक विकासशील देश नहीं, बल्कि एक वैश्विक नेतृत्वकर्ता के रूप में उभर रहा है। उनके शब्दों में: “भारत तकनीक, विज्ञान, अंतरिक्ष अनुसंधान, चिकित्सा और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में जो प्रगति कर रहा है, वह विश्व के लिए प्रेरणादायक है। लेकिन इससे भी अधिक महत्वपूर्ण है इसकी सांस्कृतिक विरासत, जो विश्व को संतुलन और चेतना की ओर प्रेरित करती है।” उन्होंने आगे कहा कि भारत की "सॉफ्ट पावर" उसकी सबसे बड़ी ताकत है – योग, ध्यान, आयुर्वेद, संगीत, और अध्यात्म जैसे क्षेत्रों में भारत की पकड़ अटूट है। एलन मस्क का भारत प्रेम और एरोल मस्क का समर्थन यह पहली बार नहीं है जब मस्क परिवार ने भारत के प्रति सराहना जताई हो। एलन मस्क स्वयं भारत में टेस्ला के प्लांट लगाने की योजना बना चुके हैं और उन्होंने भारतीय प्रधानमंत्री से भी मुलाकात की थी। अब उनके पिता एरोल मस्क की तरफ़ से भी भारत के लिए इस तरह की सकारात्मक भावना का प्रकट होना, दोनों देशों के संबंधों को और प्रगाढ़ कर सकता है। एरोल मस्क ने कहा, “एलन ने भारत की क्षमता को पहचाना है और मैं उसके इस निर्णय का समर्थन करता हूं। भारत के साथ जुड़ना सिर्फ व्यापार का मामला नहीं, बल्कि वैश्विक साझेदारी की दिशा में एक आवश्यक कदम है।” सोशल मीडिया पर मिली जोरदार प्रतिक्रिया एरोल मस्क के इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर उनकी खूब सराहना की जा रही है। भारतीय यूज़र्स ने ट्विटर और इंस्टाग्राम पर उन्हें भारत आने का आमंत्रण देते हुए कहा कि “आपका भारत में स्वागत है।” वायरल हो रहे एक पोस्ट में एक यूज़र ने लिखा: “जब एरोल मस्क जैसे लोग भारत की संस्कृति को सलाम करते हैं, तो यह हम सबके लिए गर्व की बात है।” युवा वर्ग विशेषकर इस बात को लेकर उत्साहित है कि भारत की प्राचीन परंपराएं अब वैश्विक मंच पर पुनः प्रतिष्ठित हो रही हैं। राम मंदिर का वैश्विक प्रभाव अयोध्या में निर्मित श्रीराम मंदिर न केवल भारत में, बल्कि विदेशों में भी चर्चा का विषय बना हुआ है। मंदिर की स्थापत्य कला, उसका इतिहास और उसकी आध्यात्मिक महत्ता ने विदेशी बुद्धिजीवियों और पर्यटकों को भी आकर्षित किया है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस मंदिर के दर्शन के लिए आने वाले विदेशी श्रद्धालुओं की संख्या आने वाले वर्षों में कई गुना बढ़ सकती है। यह धार्मिक पर्यटन के साथ-साथ भारत की सांस्कृतिक कूटनीति को भी नई ऊँचाई दे सकता है।
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