राम नगरी अयोध्या में भव्य राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति में दिव्य आयोजन

 

राम नगरी अयोध्या में भव्य राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति में दिव्य आयोजन

 



अयोध्या।

राम नगरी अयोध्या एक बार फिर दिव्यता और श्रद्धा के संगम का साक्षी बनने जा रही है। आज यहां एक विशेष आयोजन के तहत राम दरबार की 21 दिव्य मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा संपन्न हो रही है। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वयं उपस्थित रहेंगे और विधिवत अनुष्ठानों में भाग लेंगे। इस भव्य कार्यक्रम के तहत वैदिक मंत्रोच्चार, धार्मिक अनुष्ठान और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों की श्रृंखला भी आयोजित की गई है।



21 मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा: श्रद्धा और संस्कृति का अनुपम संगम

अयोध्या एक बार फिर भक्ति, श्रद्धा और संस्कृति के रंगों में रंग गई है। इस बार केंद्र में है राम दरबार की 21 भव्य मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा। भगवान श्रीराम, माता सीता, लक्ष्मण, पवनपुत्र हनुमान समेत कई पौराणिक चरित्रों की इन मूर्तियों का निर्माण शुद्ध पंचधातु से किया गया है। इनकी कारीगरी इतनी बारीकी से की गई है कि हर मूर्ति जैसे अपने आप में एक जीवंत चित्र प्रतीत होती है। कारीगरों ने महीनों की मेहनत से इन्हें गढ़ा है।

इस अनुष्ठान को पूरी तरह वैदिक परंपराओं के अनुरूप सम्पन्न किया जा रहा है। 51 विद्वान ब्राह्मणों और मुख्य आचार्य की अगुवाई में वैदिक मंत्रों के साथ देव विग्रहों में ‘प्राण’ प्रवेश कराया जा रहा है। यह आयोजन केवल एक धार्मिक संस्कार नहीं, बल्कि सनातन संस्कृति के गौरव का प्रतीक बन चुका है।

मुख्यमंत्री की उपस्थिति से बढ़ी गरिमा

इस पावन मौके पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का अयोध्या आना विशेष महत्व रखता है। उन्होंने अयोध्या को एक वैश्विक धार्मिक-सांस्कृतिक केंद्र के रूप में विकसित करने का जो संकल्प लिया है, यह आयोजन उसी दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है। मुख्यमंत्री न केवल पूजन विधि में भाग लेंगे, बल्कि संत समाज, शिल्पकारों और रामभक्तों को भी संबोधित करेंगे। उनके साथ राज्य सरकार के कई वरिष्ठ अधिकारी और जनप्रतिनिधि भी मौजूद रहेंगे।

भक्ति और उल्लास से सराबोर रामनगरी

पूरी अयोध्या इस समय भक्ति और उल्लास से सराबोर है। राम जन्मभूमि परिसर से लेकर शहर के हर प्रमुख मार्ग को तोरण द्वारों, फूलों और दीपों से सजाया गया है। सुबह से ही संकीर्तन मंडलियां भक्तिरस बिखेर रही हैं और राम भक्त प्रभात फेरी, भजन-कीर्तन और झांकियों में भाग ले रहे हैं। स्थानीय नागरिक इसे केवल धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि अपनी आस्था का उत्सव मान रहे हैं। एक श्रद्धालु ने कहा, "यह हमारे लिए केवल मूर्ति स्थापना नहीं, बल्कि आत्मा से जुड़ा भावनात्मक अनुभव है।"

सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम

भीड़ को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था को बेहद मजबूत किया गया है। राम जन्मभूमि क्षेत्र के आसपास के हर प्रवेश मार्ग पर सुरक्षा जांच की जा रही है। ड्रोन से निगरानी हो रही है और अर्धसैनिक बलों की भी तैनाती की गई है। वहीं श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए पानी, चिकित्सा, शौचालय और छाया की व्यवस्था की गई है। स्वयंसेवकों की टीमें हर जगह तैनात हैं, जो मार्गदर्शन और मदद में जुटी हैं।

संस्कृति की भी झलक

इस आयोजन को सांस्कृतिक रंग भी दिया गया है। स्थानीय कलाकार रामायण पर आधारित नाट्य और नृत्य प्रस्तुत कर रहे हैं। भगवान राम की गाथाओं को नाट्य रूप में जीवंत देख श्रद्धालु भावविभोर हो रहे हैं। ढोल-नगाड़े, शंखध्वनि और पारंपरिक संगीत से माहौल पूरी तरह आध्यात्मिक बन गया है।

धार्मिक पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा

राम दरबार की इन मूर्तियों की स्थापना अयोध्या को धार्मिक पर्यटन के लिहाज से और अधिक समृद्ध बनाएगी। इससे अयोध्या न केवल देश बल्कि विश्व के धार्मिक मानचित्र पर और प्रमुखता से उभरेगा। राज्य सरकार पहले से ही अयोध्या में आधारभूत ढांचे और तीर्थ सुविधाओं को बेहतर करने के प्रयास में लगी है।

संतों की भागीदारी से और विशेष बना आयोजन

अयोध्या के प्रमुख मठों और अखाड़ों के संतों ने भी इस आयोजन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया है। रामानंदाचार्य परंपरा से लेकर दिगंबर अखाड़ों और नाथ संप्रदाय तक, सभी का सहयोग रहा है। संतों का मानना है कि ऐसे आयोजनों से लोगों की श्रद्धा को बल मिलता है और हमारी सनातन परंपराओं को नई पीढ़ियों तक पहुँचाने का अवसर भी मिलता है।

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