जहां एक ओर रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर की ऐतिहासिक जीत ने करोड़ों फैंस को जश्न का मौका दिया, वहीं दूसरी ओर इसी जश्न के दौरान मची भगदड़ ने 11 जिंदगियों को लील लिया। 4 जून 2025 को बैंगलोर के चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर हुए इस हादसे ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। लोगों की खुशी पलभर में मातम में बदल गई। प्रशंसकों की भीड़, प्रशासन की नाकामी और व्यवस्था की कमी ने एक और त्रासदी को जन्म दे दिया।
RCB की ऐतिहासिक जीत और उसके बाद की अफरा-तफरी
3 जून को RCB ने 18 साल बाद पहली बार आईपीएल ट्रॉफी अपने नाम की थी। जीत के ठीक बाद फ्रैंचाइज़ी ने अपने फैंस के लिए "विजय समारोह" आयोजित करने की घोषणा की। यह कार्यक्रम 4 जून को बैंगलोर के एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम में होना था। बताया गया कि एंट्री फ्री थी लेकिन इसके लिए ऑनलाइन पास RCB की आधिकारिक वेबसाइट से प्राप्त करने थे।
घोषणा होते ही लाखों लोगों ने वेबसाइट पर धावा बोल दिया। नतीजा – साइट क्रैश हो गई। सिर्फ उन्हीं लोगों को स्टेडियम में आने की अनुमति थी जिनके पास ऑनलाइन पास थे, लेकिन तकनीकी गड़बड़ी और सूचना के अभाव में हजारों की संख्या में लोग बिना पास के ही स्टेडियम पहुंचने लगे।
हादसे की पूरी घटना
कैसे टूटा संतुलन?
सुबह से ही स्टेडियम के चारों ओर लोगों की भीड़ लगने लगी थी। दोपहर करीब 3:30 बजे तक यह भीड़ बेकाबू हो चुकी थी। पुलिस के अनुसार, भीड़ ने गेट नंबर 10, 12 और 13 पर जबरन घुसने की कोशिश की। लोग बेरिकेड्स पार करने लगे। पुलिस ने रोकने की कोशिश की, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी।
जैसे ही हल्की बारिश शुरू हुई, लोग गेट पर और आगे बढ़ने लगे। इसी दौरान एक नाले के ऊपर रखे अस्थायी स्लैब पर दबाव बढ़ गया और वह ढह गया। कई लोग उसी स्लैब पर चढ़े हुए थे और नीचे गिरते ही भगदड़ मच गई।
लाठीचार्ज ने बिगाड़ी स्थिति:
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए लाठीचार्ज शुरू किया। भीड़ में महिलाएं और बच्चे भी मौजूद थे। गेट नंबर 10 के पास भगदड़ सबसे ज्यादा भयानक थी। पुलिस ने जब भीड़ को पीछे धकेलना चाहा, तो कई महिलाएं गिर पड़ीं, कुछ बेहोश हो गईं।
गेट बंद होने से और बढ़ा तनाव:
जब हालात बिगड़ते देख प्रशासन ने सभी गेट बंद कर दिए, तो अंदर जाने की उम्मीद लेकर पहुंचे लोग और उग्र हो गए। पास वाले लोग भी अंदर नहीं जा पाए। इस बीच कुछ युवकों ने गेट फांदने की कोशिश की जिससे भगदड़ और तेज हो गई।
11 मौतें, दर्जनों घायल:
अस्पताल सूत्रों के अनुसार इस भगदड़ में अब तक 11 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। इनमें 5 महिलाएं, 3 बच्चे और 3 पुरुष शामिल हैं। 30 से अधिक लोग घायल हुए हैं, जिनमें से 6 की हालत गंभीर बनी हुई है। अधिकतर मृतकों की पहचान स्थानीय लोगों के रूप में हुई है, जो पास मिलने की अफवाहों के चलते स्टेडियम पहुंचे थे।
प्रत्यक्षदर्शियों की आंखों देखी:
रीना शर्मा (23), जो अपने छोटे भाई के साथ आई थीं, बताती हैं –
"हमें पास नहीं मिला था लेकिन हर कोई कह रहा था कि गेट पर दिखा दो, अंदर जाने देंगे। हम गेट नंबर 10 के पास खड़े थे। तभी अचानक धक्का-मुक्की शुरू हुई। मैंने अपने भाई का हाथ पकड़ा हुआ था लेकिन एक झटके में वह हाथ छूट गया। जब तक संभली, तब तक लोग गिरते जा रहे थे।"
राजीव मेहता (28), एक स्टूडेंट, ने कहा –
"RCB की जीत का जश्न देखने हम सुबह से आए थे। इतनी भीड़ होगी, इसका अंदाजा नहीं था। कोई वालंटियर नहीं था, कोई पुलिस सही से दिशा नहीं दे रही थी। जब गिरा तो लोगों के पैरों के नीचे था। आज भी यकीन नहीं होता कि सिर्फ एक मैच की खुशी ने कितनों की जिंदगी छीन ली।"
प्रशासन पर सवाल:
इस हादसे ने एक बार फिर प्रशासनिक तैयारियों की पोल खोल दी है।
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सवाल उठता है कि बिना पास के हजारों लोग स्टेडियम तक कैसे पहुंच गए?
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क्या आयोजकों ने भीड़ नियंत्रण की तैयारी की थी?
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पुलिस ने गेट बंद क्यों किए जब भीड़ पहले ही बेकाबू थी?
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ऑनलाइन पास की तकनीकी गड़बड़ी का कोई बैकअप प्लान क्यों नहीं था?
सरकारी प्रतिक्रिया और जांच के आदेश:
कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने हादसे पर दुख जताते हुए मृतकों के परिजनों को ₹10 लाख की आर्थिक सहायता और घायलों को मुफ्त इलाज देने की घोषणा की है। साथ ही उच्च स्तरीय जांच के आदेश भी दे दिए गए हैं। पुलिस कमिश्नर ने कहा कि पूरे मामले की निष्पक्ष जांच होगी और किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।
RCB फ्रैंचाइज़ी की प्रतिक्रिया:
RCB की ओर से एक आधिकारिक बयान जारी किया गया जिसमें कहा गया:
"हमें इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना से गहरा दुख है। हमारी टीम इस समय शोकाकुल परिवारों के साथ खड़ी है। यह समारोह हमारे फैंस के लिए था, लेकिन हम यह कभी नहीं चाहते थे कि किसी की जान जाए। हम प्रशासन के साथ हर संभव सहयोग कर रहे हैं।"
सोशल मीडिया पर आक्रोश और शोक:
RCB फैंस और नागरिकों ने सोशल मीडिया पर इस हादसे को लेकर गुस्सा जताया। हैशटैग #RCBFanTragedy, #JusticeForVictims और #StadiumStampede ट्रेंड कर रहे हैं। कई लोगों ने सवाल किया कि एक क्रिकेट टीम की जीत को सुरक्षित तरीके से क्यों नहीं मनाया जा सका?
भारत जैसे देश में क्रिकेट केवल खेल नहीं, एक जुनून है। लेकिन जब जुनून व्यवस्था पर भारी पड़ता है तो उसका नतीजा जानलेवा हो सकता है।
यह घटना हमें बताती है कि:
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जश्न को नियंत्रित करने के लिए पहले से योजना जरूरी होती है।
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डिजिटल प्रक्रिया (जैसे फ्री पास) को ठोस वैकल्पिक उपायों से सपोर्ट करना चाहिए।
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सुरक्षा व्यवस्था केवल पुलिसिंग नहीं, संवेदनशील रणनीति की मांग करती है।
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फैंस को भी संयम और निर्देशों का पालन करना चाहिए।
RCB की जीत भारतीय क्रिकेट का गौरवशाली क्षण है, लेकिन इसका यह दुखद परिणाम इतिहास के पन्नों में काले अक्षरों में लिखा जाएगा। यह समय है जब खेल आयोजन और उससे जुड़ी उत्सव की जिम्मेदारी केवल फैंस पर नहीं, बल्कि आयोजकों, सरकार और समाज सभी पर बराबर होनी चाहिए।