🕋 1. हज सिर्फ इबादत नहीं, एक सामाजिक संदेश भी है
हज केवल एक धार्मिक कर्तव्य नहीं है, यह बराबरी, भाईचारे और एकता का प्रतीक भी है। वहाँ सभी लोग बिना किसी जाति, रंग, भाषा या हैसियत के, एक ही तरह का कपड़ा (एहराम) पहनते हैं — यह बताता है कि अल्लाह के सामने सब बराबर हैं।
2. हज दुनिया का सबसे बड़ा शांतिपूर्ण जमावड़ा है
हर साल लगभग 20 लाख से ज़्यादा मुसलमान हज करने मक्का पहुंचते हैं, जिससे यह दुनिया का सबसे बड़ा शांतिपूर्ण धार्मिक आयोजन बनता है। इसमें हिस्सा लेने वाले 150 से भी ज़्यादा देशों से आते हैं।
3. हज के हर रुक्न (स्टेप) का ऐतिहासिक अर्थ है
हज के दौरान किए जाने वाले कार्य — जैसे सफा और मरवा की सई, जमरात पर पत्थर मारना, तवाफ़ — सबका सीधा संबंध इतिहास से है। यह हज़रत इब्राहीम (अ.स), हज़रत इस्माईल (अ.स) और बीबी हाजरा (र.अ) की कुर्बानी और सब्र की कहानी को याद दिलाते हैं।
4. हज इस्लाम का पाँचवां स्तंभ है, लेकिन हर मुसलमान पर फर्ज़ नहीं है
हज इस्लाम के पांच बुनियादी स्तंभों में से एक है, लेकिन यह सिर्फ उन्हीं मुसलमानों पर फर्ज़ है जो शारीरिक और आर्थिक रूप से सक्षम हों। यानी मजबूरी में न कर पाने वालों पर कोई गुनाह नहीं।
5. हज सिर्फ ज़िंदगी में एक बार वाजिब होता है
इस्लामी शरीअत के मुताबिक, अगर कोई मुसलमान एक बार हज कर चुका है, तो उसके बाद वह फिर से हज करता है तो वह 'नफ़्ल' (ऐच्छिक) होता है। एक बार हज करने से फर्ज़ अदा हो जाता है।