पाकिस्तान के सबसे बड़े शहर कराची में सोमवार रात एक अप्रत्याशित घटनाक्रम में 216 कैदी जेल से फरार हो गए। यह घटना उस समय हुई जब कराची समेत सिंध प्रांत के कई हिस्सों में भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप के तुरंत बाद मची अफरातफरी के बीच कैदियों ने मुख्य गेट से भागने का मौका ढूंढ लिया।
क्या हुआ था?
घटना कराची की सेंट्रल जेल में रात करीब 2:30 बजे हुई। अचानक ज़मीन हिलने लगी और कैदी बैरकों से बाहर निकल आए। इसी दौरान जेल प्रशासन और सुरक्षाकर्मी भी स्थिति को समझने में उलझे हुए थे। इसका फायदा उठाकर कई कैदियों ने मेन गेट की तरफ धावा बोल दिया।
कैसे भागे कैदी?
प्रत्यक्षदर्शियों और जेल सूत्रों के मुताबिक:
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भूकंप के बाद बिजली चली गई, जिससे अंधेरे में निगरानी मुश्किल हो गई।
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CCTV कैमरे बंद हो गए।
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कुछ कैदियों ने गार्ड्स को धक्का देकर मेन गेट खोल लिया।
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कुछ ने दीवार फांदने की भी कोशिश की।
80 से ज्यादा फिर पकड़े गए
भागे हुए कैदियों में से अब तक 80 से अधिक को फिर से पकड़ लिया गया है, जिनमें कई गंभीर अपराधों में शामिल कैदी भी हैं।
पुलिस, रेंजर्स और सेना के संयुक्त ऑपरेशन के तहत अब सघन तलाशी अभियान जारी है।
प्रशासन पर सवाल
इस घटना के बाद जेल प्रशासन की लापरवाही और सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठने लगे हैं।
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क्या जेल में भूकंप जैसी आपदा के लिए कोई आपात योजना नहीं थी?
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आखिर मेन गेट तक इतनी बड़ी संख्या में कैदी कैसे पहुंचे?
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क्या ये किसी अंदरूनी साज़िश का हिस्सा था?
गृह मंत्रालय का बयान
पाकिस्तान के गृह मंत्रालय ने घटना को "गंभीर सुरक्षा चूक" करार दिया है और जांच के आदेश दे दिए गए हैं। शुरुआती जांच में कुछ अधिकारियों की लापरवाही की पुष्टि भी हुई है।
जनता में डर का माहौल
इस घटना के बाद कराची और आसपास के क्षेत्रों में लोग डरे हुए हैं, क्योंकि भागे हुए कैदियों में कई आतंकवाद, अपहरण और हत्या जैसे गंभीर मामलों में आरोपी थे।
पुलिस ने जनता से सतर्क रहने और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत देने की अपील की है।
एक प्राकृतिक आपदा ने किस तरह सुरक्षा तंत्र की असलियत उजागर कर दी — कराची जेल से कैदियों की यह फरारी उसी की मिसाल है। भूकंप तो कुछ ही मिनटों का था, लेकिन इसका असर शायद कई महीनों तक कराची की सड़कों पर महसूस किया जाएगा।