"दिल्ली में कत्ल, सूटकेस में लाश | हापुड़ तक बॉडी लेकर 100 KM घूमता रहा प्रेमी | Delhi Murder Case

 उत्तर प्रदेश के हापुड़ ज़िले में एक सूटकेस में मिली लाश ने पूरे इलाके को हिला कर रख दिया। पहले किसी को समझ नहीं आया कि ये लाश किसकी है, कहां से आई और इस हत्या के पीछे क्या मकसद था। लेकिन जैसे-जैसे पुलिस की जांच आगे बढ़ी, इस रहस्य का पर्दाफाश हुआ। सामने आया कि यह हत्या एक प्रेम-प्रसंग का भयावह अंत थी — जहां प्यार में मिले धोखे ने एक प्रेमी को हत्यारा बना दिया। 



केस की शुरुआत: सूटकेस में मिली लाश

मामला 3 जून की सुबह का है। हापुड़ के गढ़मुक्तेश्वर इलाके के पास हाईवे किनारे एक लाल रंग के सूटकेस में महिला की लाश मिलने से सनसनी फैल गई। राहगीरों ने पुलिस को सूचित किया। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर सूटकेस खोला, जिसमें एक युवती की लाश मिली, जिसकी उम्र लगभग 25 साल के आसपास थी।

लाश को देखकर अंदाजा लगाया गया कि उसकी हत्या कहीं और की गई है और पहचान छुपाने के लिए शव को सूटकेस में बंद कर हाइवे किनारे फेंक दिया गया है।



पहचान  दिल्ली की नीलेश निकली लाश

पुलिस ने शव की पहचान के लिए आसपास के जिलों और राज्यों में मिसिंग रिपोर्ट्स खंगालनी शुरू की। चेहरे पर चोट के निशान थे, लेकिन कुछ टैटू और एक मोबाइल सिम की मदद से पहचान की प्रक्रिया आगे बढ़ी।

आखिरकार मृतका की पहचान दिल्ली के मयूर विहार की रहने वाली नीलेश यादव के रूप में हुई। वह 25 साल की थी और पिछले दो दिनों से लापता थी। परिवार वालों ने बताया कि नीलेश अपने दोस्तों से मिलकर लौटने की बात कहकर निकली थी, लेकिन फिर वापस नहीं आई।



प्रेमी निकला क़ातिल सतेंद्र यादव

नीलेश के कॉल रिकॉर्ड्स और मोबाइल लोकेशन की मदद से पुलिस एक शख्स तक पहुंची — सतेंद्र यादव, जो खुद मयूर विहार में रहता है और पेशे से एक ड्राइवर है। नीलेश और सतेंद्र के बीच पिछले दो सालों से प्रेम संबंध थे, लेकिन हाल के महीनों में दोनों के बीच दूरियाँ आ गई थीं।

नीलेश ने सतेंद्र से बात करना कम कर दिया था और अक्सर उसका फोन बिजी आता था, जिससे सतेंद्र के मन में शक और गुस्सा दोनों पैदा हो गया।


हत्या की रात का घटनाक्रम:

पुलिस की पूछताछ में सतेंद्र ने अपना गुनाह कबूल कर लिया। उसने बताया कि

"मैंने उसे समझाया, उससे बात करने की कोशिश की... लेकिन वो लगातार मुझे इग्नोर कर रही थी। उसका फोन हर बार बिजी आता था... ऐसा लग रहा था जैसे वो किसी और के साथ है। गुस्से में मैंने उससे मिलने की ज़िद की... और वही मेरी गलती बन गई।"

रात करीब 9 बजे दोनों की मुलाकात दिल्ली के एक फ्लैट में हुई। कहासुनी इतनी बढ़ गई कि सतेंद्र ने नीलेश का गला दबा दिया। जब उसे लगा कि वह मर चुकी है, तो उसने शव को छिपाने के लिए सूटकेस में रखा, और फिर अपनी गाड़ी से हापुड़ के सुनसान इलाके में लाकर फेंक दिया।



CCTV मोबाइल लोकेशन और गाड़ी ने खोला राज

पुलिस ने दिल्ली से लेकर हापुड़ तक के टोल प्लाज़ा और हाईवे के सीसीटीवी फुटेज खंगाले। सतेंद्र की गाड़ी को कई जगहों पर सूटकेस ले जाते हुए देखा गया। नीलेश के फोन की आखिरी लोकेशन भी उसी फ्लैट के आसपास मिली जहाँ हत्या हुई थी।

इसके अलावा, कॉल डिटेल रिकॉर्ड्स से यह साफ हो गया कि हत्या से ठीक पहले दोनों में बहस हुई थी।


मायके वालों का बयान: 'हमारी बेटी धोखे का शिकार हुई'

नीलेश के परिजनों का कहना है कि उन्होंने हमेशा अपनी बेटी की आज़ादी का सम्मान किया, लेकिन उन्हें नहीं पता था कि वो एक ऐसे इंसान पर भरोसा कर रही है जो उसकी जान का दुश्मन बन जाएगा।

"हमने कभी उसकी राह में रुकावट नहीं डाली, लेकिन वो शख्स उसे मार डालेगा, ये नहीं सोचा था," नीलेश की मां ने आंखों में आंसू लिए कहा।


पुलिस का बयान: अपराध साबित करने के पुख़्ता सबूत

हापुड़ पुलिस अधीक्षक अभिषेक वर्मा ने बताया कि:

"हमारे पास डिजिटल साक्ष्य, फॉरेंसिक रिपोर्ट और आरोपी का इकबालिया बयान है। बहुत जल्द चार्जशीट दाखिल की जाएगी और हम इस मामले को फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाने की मांग करेंगे।"


पड़ोसियों की प्रतिक्रिया: शांत था, लेकिन अंदर कुछ और ही चल रहा था

सतेंद्र के पड़ोसी भी इस घटना से चौंक गए। उनका कहना है कि वह शांत स्वभाव का था, किसी से झगड़ा नहीं करता था। लेकिन अंदर ही अंदर, उसके मन में जलन और शक की आग सुलग रही थी, जो आखिरकार हत्या में बदल गई।


 आजकल के प्रेम संबंधों में संचार की कमी, असुरक्षा और स्वामित्व की भावना ऐसी घटनाओं की वजह बनती जा रही है।

"कई बार युवा अपने पार्टनर के 'ना' को अस्वीकार नहीं कर पाते। रिजेक्शन का मतलब उनके लिए अपमान बन जाता है और वे हिंसक हो जाते हैं," सामाजिक मनोचिकित्सक डॉ. रचना द्विवेदी कहती हैं।


न्याय की उम्मीद: परिवार को अब कोर्ट के फैसले का इंतजार

नीलेश के परिजन अब आरोपी को सख्त से सख्त सज़ा मिलने की मांग कर रहे हैं। वे चाहते हैं कि इस केस को फास्ट ट्रैक में लाया जाए और जल्द से जल्द फैसला हो।


यह केस सिर्फ एक प्रेम कहानी का दुखद अंत नहीं, बल्कि आधुनिक समाज में रिश्तों की बिगड़ती समझ और गुस्से की खतरनाक परिणति का आईना है।

सवाल यह नहीं कि किसने मारा, सवाल यह है —
क्यों आज के रिश्ते इतने कमज़ोर और खतरनाक हो गए हैं कि एक ‘बिज़ी टोन’ मौत की वजह बन जाए?

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