कीव, यूक्रेन
रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध ने एक बार फिर भयंकर रूप ले लिया है। बीती रात रूस ने यूक्रेन पर एक बार फिर मिसाइल और ड्रोन से हमला किया, जिससे यूक्रेन के कई शहर दहल उठे। इस हमले में 18 इमारतें जमींदोज हो गईं और कम से कम तीन लोगों की मौत हो गई है। कई घायल अस्पताल में भर्ती हैं और कई लापता भी हैं। यह हमला ऐसे समय पर हुआ है जब वैश्विक समुदाय युद्ध समाप्त करने की अपील कर रहा है।
हमला कैसे हुआ?
यूक्रेनी अधिकारियों के अनुसार, हमला शुक्रवार देर रात करीब 2 बजे हुआ। रूस ने इस बार एक साथ मिसाइल और 'कामिकाजे' ड्रोन का इस्तेमाल किया। रात के अंधेरे में आसमान से आई ये तबाही यूक्रेन के लोगों के लिए किसी बुरे सपने से कम नहीं थी।
कीव, खारकीव, ओडेसा, डनीप्रो और ज़ाइटोमिर जैसे बड़े शहर इस हमले की चपेट में आए। कीव में एक बहुमंज़िला अपार्टमेंट पर मिसाइल गिरने से वह पूरी तरह ढह गया। मलबे से तीन शव निकाले गए हैं और दर्जनों घायलों को रेस्क्यू कर अस्पताल भेजा गया है।
रूसी हमलों की रणनीति
रूस ने इस बार "मल्टी लेयर" अटैक किया—पहले ड्रोन भेजे ताकि यूक्रेनी एयर डिफेंस को व्यस्त रखा जा सके, फिर भारी मिसाइलों से टारगेट किया गया। ये हमले स्पष्ट रूप से यूक्रेन के नागरिक क्षेत्रों और बुनियादी ढांचे को निशाना बना रहे हैं, जिनमें बिजली संयंत्र, जल आपूर्ति टैंक, रेलवे जंक्शन और आवासीय इमारतें शामिल हैं।
यूक्रेनी प्रतिक्रिया
यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने इस हमले की कड़ी निंदा की है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से रूस के खिलाफ और कड़े प्रतिबंध लगाने की मांग की है। उन्होंने कहा:
"यह सिर्फ यूक्रेन पर हमला नहीं है, बल्कि मानवता पर हमला है। मासूम नागरिक, महिलाएं और बच्चे इस युद्ध की सबसे बड़ी कीमत चुका रहे हैं।"
यूक्रेन की वायु रक्षा प्रणाली ने दावा किया कि उसने 24 में से 18 ड्रोन/मिसाइलों को आसमान में ही नष्ट कर दिया, लेकिन जो चूक गए, उन्होंने भारी नुकसान किया।
स्थानीय लोगों की आपबीती
कीव के निवासी ओलेना ग्रोमोवा, जो मलबे से किसी तरह बच निकलीं, ने कहा,
"हम सो रहे थे, अचानक ज़ोर का धमाका हुआ। सब कुछ हिल गया। हमारी बिल्डिंग गिर गई। मेरी बेटी अभी भी मलबे में फंसी है।"
एक अन्य चश्मदीद ने बताया कि हमले के बाद घंटों तक बिजली, इंटरनेट और पानी की आपूर्ति ठप रही, जिससे राहत कार्यों में भारी दिक्कत आई।
विश्व समुदाय की प्रतिक्रिया
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने इस हमले को "निंदनीय" बताया और तत्काल संघर्षविराम की मांग की। अमेरिका, फ्रांस और जर्मनी ने भी हमले की आलोचना की है और रूस से नागरिक ठिकानों को निशाना बनाने से बचने की चेतावनी दी है।
अमेरिका ने यूक्रेन को अतिरिक्त सुरक्षा सहायता देने की घोषणा की है, जिसमें एयर डिफेंस मिसाइलें और ड्रोन-रोधी तकनीक शामिल है।
रूस की सफाई
रूसी रक्षा मंत्रालय ने दावा किया कि उसने यूक्रेन के सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया है, न कि नागरिक क्षेत्रों को। लेकिन ग्राउंड रिपोर्ट और उपग्रह चित्र बताते हैं कि हमले मुख्य रूप से रिहायशी इलाकों में हुए हैं।
युद्ध की बढ़ती तीव्रता
2022 में शुरू हुए रूस-यूक्रेन युद्ध को अब 3 साल से ज़्यादा हो चुके हैं, लेकिन इसकी समाप्ति के कोई आसार नहीं दिखते। शुरुआत में सीमित दायरे में रहने वाला यह युद्ध अब पूरे यूक्रेन में फैल गया है। लाखों लोग शरणार्थी बनकर यूरोपीय देशों में पलायन कर चुके हैं।
इस समय सबसे ज़्यादा चिंता की बात यह है कि युद्ध में अब ऐसे हथियारों का उपयोग हो रहा है जो बड़े पैमाने पर जनहानि कर सकते हैं। यदि यह सिलसिला यूं ही चलता रहा तो मानवीय संकट और गहराता जाएगा।
क्या भविष्य में शांति संभव है?
हालांकि कुछ पश्चिमी देश लगातार मध्यस्थता की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन रूस और यूक्रेन दोनों की स्थितियों में लचीलापन नहीं दिख रहा। एक ओर रूस ज़मीन छोड़ने को तैयार नहीं, तो दूसरी ओर यूक्रेन अपनी संप्रभुता की रक्षा के लिए हर मोर्चे पर डटा हुआ है।
अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों का मानना है कि अगर जल्द ही कोई वार्ता प्रक्रिया शुरू नहीं हुई तो यह युद्ध विश्व शांति के लिए एक बड़ा खतरा बन सकता है।
