रूस ने यूक्रेन पर एक बार फिर भयानक हमला किया है। यह हमला न केवल पैमाने में बड़ा था, बल्कि इसकी भयावहता ने युद्ध की क्रूर सच्चाई को एक बार फिर दुनिया के सामने उजागर कर दिया है। बीती रात रूस ने दर्जनों मिसाइलें और आत्मघाती ड्रोन यूक्रेन के शहरों की ओर दागे। कीव, खारकीव और ओडेसा समेत कई बड़े शहरों को निशाना बनाया गया।
मिसाइलें और ड्रोन चीरते रहे रात का सन्नाटा
गवाही देने वाले चश्मदीदों के अनुसार, रात करीब 1:30 बजे अचानक आसमान में गूंजते सायरनों ने नींद तोड़ी। चंद मिनटों बाद मिसाइलों की तेज आवाजें, आसमान में गूंजते धमाके और शहर की दीवारों को हिलाता कंपन — ये सब किसी फिल्मी दृश्य से कम नहीं लग रहे थे। लेकिन यह फिल्म नहीं थी, यह हकीकत थी।
"धमाकों से ज़मीन कांप उठी," — कीव निवासी एक महिला ने मीडिया को बताया।
"हम बच्चों को लेकर बेसमेंट में भागे, लेकिन डर ऐसा था कि सांसें रुक सी गईं।"
यूक्रेनी एयर डिफेंस नाकाम
इस बार यूक्रेनी वायु सुरक्षा प्रणाली रशियन मिसाइलों और ड्रोन को रोकने में बुरी तरह विफल रही। सेना ने स्वीकार किया कि रूसी हमले इतने समन्वित और तेज़ थे कि इंटरसेप्ट सिस्टम पूरी तरह सक्रिय नहीं हो सका।
यूक्रेनी वायु सेना के प्रवक्ता के अनुसार:
"हमने 60 में से 22 मिसाइलें और 18 ड्रोन को मार गिराया, लेकिन बाकी ने सीधे शहरों को निशाना बनाया।"
तबाही की तस्वीर
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कीव: ओबोलोन जिले में दो बहुमंज़िला इमारतें ध्वस्त, 9 नागरिकों की मौत।
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ओडेसा: एक अस्पताल परिसर क्षतिग्रस्त, 3 डॉक्टर घायल।
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खारकीव: रेलवे स्टेशन और एक औद्योगिक क्षेत्र पर हमले से भारी नुकसान।
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ड्रोन हमले: ईरानी-निर्मित "शहीद" ड्रोन ने ईंधन भंडारण केंद्रों को उड़ाया।
सामरिक उद्देश्य या नागरिकों को डराना?
रूसी हमले का उद्देश्य सैन्य था या मनोवैज्ञानिक दबाव बनाना — यह चर्चा तेज हो गई है। जानकारों का कहना है कि यह हमला सिर्फ इंफ्रास्ट्रक्चर को नुकसान पहुंचाने के लिए नहीं, बल्कि नागरिकों के बीच भय और भ्रम फैलाने की कोशिश भी है।
राष्ट्रपति ज़ेलेन्स्की का बयान
यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेन्स्की ने ट्विटर (X) पर लिखा:
"यह हमला रूस के असली चेहरे को उजागर करता है। हम जवाब देंगे निर्णायक और पूरी ताकत के साथ।"
उन्होंने पश्चिमी देशों से और अधिक एयर डिफेंस सिस्टम की मांग की है।
वैश्विक प्रतिक्रिया
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अमेरिका: व्हाइट हाउस ने इसे 'रूस का युद्ध अपराध' बताया।
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यूरोपीय संघ: ब्रसेल्स ने रूस पर और प्रतिबंधों की चेतावनी दी।
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संयुक्त राष्ट्र: महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने गहरी चिंता जताई।
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