यूक्रेन ने 1 जून 2025 को "ऑपरेशन स्पाइडर वेब" (Operation Spider Web) नामक एक अत्यंत गुप्त और रणनीतिक ड्रोन हमला करके रूस के चार प्रमुख सैन्य एयरबेसों को निशाना बनाया। यह हमला रूस के रणनीतिक बमवर्षक विमानों की क्षमताओं को कमजोर करने के उद्देश्य से किया गया था।
ऑपरेशन की योजना और क्रियान्वयन
इस ऑपरेशन की योजना यूक्रेन की सुरक्षा सेवा (SBU) द्वारा 18 महीनों में तैयार की गई थी और इसे राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की और SBU प्रमुख वासिल मलियुक की निगरानी में अंजाम दिया गया। यूक्रेनी विशेष बलों ने 117 विस्फोटक ड्रोन को लकड़ी के शेड्स में छिपाकर ट्रकों के माध्यम से रूस के अंदर गुप्त रूप से तैनात किया। इन ड्रोन को दूरस्थ रूप से नियंत्रित करके एक साथ लॉन्च किया गया, जिससे रूसी रक्षा प्रणालियाँ चौंक गईं।
हमले के प्रमुख लक्ष्य और प्रभाव
इस हमले में रूस के चार प्रमुख एयरबेस—अमूर, इरकुत्स्क, मुरमांस्क, रियाज़ान और इवानोवो—को निशाना बनाया गया, जो यूक्रेन की सीमाओं से लगभग 4,000 किलोमीटर दूर स्थित हैं। हमले में रूस के लगभग 34% Tu-95 परमाणु-सक्षम बमवर्षक विमानों को नष्ट या क्षतिग्रस्त कर दिया गया, कुल मिलाकर 41 विमानों को निष्क्रिय किया गया, जिससे रूस को लगभग 7 अरब डॉलर का नुकसान हुआ।
रणनीतिक और प्रतीकात्मक महत्व
यह हमला उस दिन किया गया जब यूक्रेन ने 1996 में अपने अंतिम परमाणु हथियार रूस को सौंपे थे, जो एक प्रतीकात्मक संदेश था कि यूक्रेन अब भी अपनी संप्रभुता की रक्षा करने में सक्षम है।
रूस की प्रतिक्रिया
रूस ने दावा किया कि उसने कुछ हमलावरों को पकड़ लिया है और अपने परमाणु पनडुब्बियों को काला सागर में तैनात किया है। इसके अलावा, रूस ने यूक्रेन पर बड़े पैमाने पर ड्रोन हमले किए, जिससे यूक्रेन के कई शहरों में बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुँचा।
"ऑपरेशन स्पाइडर वेब" यूक्रेन की सैन्य रणनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि सीमित संसाधनों के बावजूद, यूक्रेन नवाचार और साहस के साथ अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने में सक्षम है। यह हमला रूस के लिए एक चेतावनी है कि यूक्रेन की सैन्य क्षमताओं को कम करके आंकना एक गंभीर भूल हो सकती है।