मुर्सी जनजाति की लिप प्लेट परंपरा: सौंदर्य या समाज की पहचान?

 


इथियोपिया की ओमो घाटी में बसने वाली मुर्सी जनजाति आज भी अपनी परंपराओं, रीति-रिवाजों और जीवनशैली को सहेज कर रखे हुए है। आधुनिकता की दौड़ से दूर, ये लोग प्रकृति के साथ सामंजस्य बिठाकर जीवन जीते हैं।


 लिप प्लेट क्या है?

लिप प्लेट एक गोल डिस्क होती है जो मुख्यतः मिट्टी या लकड़ी की बनी होती है।
यह प्लेट महिलाओं के निचले होंठ में एक कट लगाकर धीरे-धीरे डाली जाती है। जैसे-जैसे समय बीतता है, प्लेट का आकार बढ़ाया जाता है, ताकि होंठ खिंच कर बड़ा हो जाए।

 इस परंपरा का उद्देश्य क्या है?

  1. सौंदर्य का प्रतीक:
    मुर्सी समाज में यह माना जाता है कि जिन महिलाओं के होंठ में बड़ी प्लेट होती है, वे अधिक सुंदर मानी जाती हैं।

  2. विवाह योग्यता का संकेत:
    लिप प्लेट को एक प्रकार के विवाह प्रस्ताव की तैयारी भी माना जाता है। यह युवती की पारंपरिक परिपक्वता को दर्शाता है।

  3. सामाजिक प्रतिष्ठा और सम्मान:
    जिन महिलाओं के पास बड़ी और सजावटी प्लेट होती है, उन्हें समाज में विशेष सम्मान मिलता है। यह अक्सर परिवार की स्थिति और जातीय गर्व का प्रतीक भी होता है।

 इतिहास और उत्पत्ति

ऐसा माना जाता है कि इस परंपरा की शुरुआत कई सदियों पहले हुई थी।
कुछ शोधकर्ताओं का मानना है कि यह परंपरा गुलामी युग के समय शुरू हुई थी ताकि महिलाएं आकर्षक न लगें और उन्हें गुलाम के रूप में न ले जाया जाए। लेकिन आज इसका स्वरूप बदल गया है – अब यह सौंदर्य और पहचान का प्रतीक बन चुका है।


 लिप प्लेट के प्रकार

  • सामान्य प्लेट: मिट्टी से बनी, बिना सजावट की।

  • कलात्मक प्लेट: नक्काशीदार, रंगीन या विशेष डिज़ाइन वाली।

  • शादी के समय की प्लेटें: बेहद बड़ी और भारी, विशेष अवसरों के लिए।


 कब शुरू होता है ये अभ्यास?

अक्सर जब लड़की 15 से 16 साल की होती है, तो उसकी मां या बुजुर्ग महिला उसके निचले होंठ को काटकर एक छोटी सी प्लेट डालती है। फिर हर कुछ महीनों में प्लेट का आकार बढ़ाया जाता है।


 स्वास्थ्य से जुड़े जोखिम

यह प्रक्रिया बेहद दर्दनाक होती है और इसके कारण—

  • संक्रमण हो सकता है

  • भोजन और बोलने में कठिनाई आती है

  • कभी-कभी स्थायी नुकसान भी हो सकता है

परंतु इसके बावजूद, बहुत-सी मुर्सी महिलाएं इस परंपरा को गर्व और सम्मान से निभाती हैं।


 पर्यटन और आधुनिकता का प्रभाव

आज मुर्सी जनजाति दुनिया भर के पर्यटकों और डॉक्यूमेंट्री मेकर्स के लिए आकर्षण का केंद्र बन गई है।
लेकिन इसके साथ ही कई बार उनकी संस्कृति व्यवसायीकरण की चपेट में आ जाती है। पर्यटक लिप प्लेट वाली महिलाओं की तस्वीरें लेने के लिए पैसे देते हैं, जिससे कुछ समुदायों में यह परंपरा कमर्शियल एक्टिविटी बनती जा रही है।

 संघर्ष: परंपरा बनाम आधुनिकता

अब कुछ मुर्सी युवतियाँ इस परंपरा को चुनौती भी देने लगी हैं।
वे शिक्षा और स्वास्थ्य की ओर बढ़ रही हैं, और लिप प्लेट जैसी कष्टदायक प्रक्रिया से दूर रहना चाहती हैं।


 निष्कर्ष:

मुर्सी जनजाति की लिप प्लेट परंपरा भले ही हमें अजीब या विचित्र लगे, लेकिन उनके लिए यह पहचान, सौंदर्य और गर्व का विषय है।
यह परंपरा न केवल उनकी संस्कृति को जीवित रखे हुए है, बल्कि यह भी सिखाती है कि हर समाज की सुंदरता उसकी विविधता में छिपी होती है

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