बुजुर्गों को ₹2000 मासिक पेंशन का वादा, नीतीश सरकार की ₹400 योजना पर तंज
जन सुराज पार्टी के संस्थापक और राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने बिहार की राजनीति में एक नया मोड़ लाते हुए घोषणा की है कि यदि उनकी पार्टी सत्ता में आती है, तो राज्य के बुजुर्गों को मासिक ₹2000 की पेंशन दी जाएगी। यह घोषणा उन्होंने बिहार के विभिन्न जिलों में अपनी पदयात्रा के दौरान की, जहां उन्होंने जनता से सीधे संवाद स्थापित किया।
नीतीश सरकार की ₹400 पेंशन योजना पर सवाल
प्रशांत किशोर ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की वर्तमान पेंशन योजना, जिसमें बुजुर्गों को ₹400 मासिक दिए जाते हैं, पर सवाल उठाते हुए कहा, "बिहार में कई बुजुर्ग हमसे कहते हैं कि नीतीश कुमार की सरकार उन्हें 400 रुपये देती है, जिससे उनका इन पैसों से कुछ हो नहीं पाता। मुझे भी लगता है कि 400 रुपये भीख की तरह बुजुर्गों को न देकर 2 हजार देना चाहिए, जिससे उनका जीवन बेहतर हो सके।"
प्रशांत किशोर ने जनता से अपील करते हुए कहा, "आप अपने जात वालों को 50 रुपए का दूध बेचते हैं तो उससे पैसे लेते हैं ना। जब दूध मुफ्त में नहीं बेचते हैं तो लाखों का वोट जात वालों को मुफ्त में क्यों दे रहे हैं? वोट मुफ्त में देंगे तो वो और उनके परिवार के लोग हेलिकाप्टर से चलेंगे और आपका लड़का के पास चप्पल भी नहीं होगा, ये लिख कर रख लीजिए।"
शिक्षा और रोजगार पर जोर
उन्होंने आगे कहा, "गरीबों को मुफ्त गैस सिलेंडर के नाम पर मोदी को वोट दिया। लेकिन कभी भी आप अपने बच्चों के पढ़ाई रोजगार के नाम वोट नहीं दिया है, अगर नहीं तो पढ़ाई और रोजगार कहां से मिलेगा। एक बार संकल्प कीजिए कि अगली बार अपने बच्चों के लिए वोट दीजिए।"
जन सुराज की सरकार बनी तो...
प्रशांत किशोर ने भरोसा दिलाते हुए कहा, "मैं आप बिहार के जितने बुजुर्ग हैं, उन्हें भरोसा दिलाता हूं कि जन सुराज की सरकार बनी तो हम उन्हें 2 हजार रुपये मुहैया करवाएंगे।"
राजनीतिक विश्लेषण
प्रशांत किशोर की यह घोषणा बिहार की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकती है। उनकी रणनीति स्पष्ट है: जनता को यह समझाना कि उनका वोट कीमती है और उसे सोच-समझकर इस्तेमाल करना चाहिए। उनकी यह पहल राज्य की राजनीति में एक नई दिशा प्रदान कर सकती है।
बिहार की राजनीति में प्रशांत किशोर की यह घोषणा एक नई बहस को जन्म दे सकती है। उनकी पार्टी जन सुराज का यह वादा बुजुर्गों के लिए राहत का संदेश है और यह देखना दिलचस्प होगा कि आगामी चुनावों में यह कितना प्रभावी साबित होता है।